सब कुछ किया पर अपने लिए कुछ भी ना किया..खुद्दारी का साथ लिए किसी से कुछ मांगने का सोचा
तक भी नहीं...बहुत कुछ ऐसा हुआ,हम जिए दूजों के लिए..ले लिए दर्द उन के और दर्द अपने छिपा
लिए..किस्मत की लकीरों से परे,थोड़ी सी ख़ुशी पाई हम ने..और परिशुद्ध प्रेम की परिभाषा मे जान
डाल दी हम ने..रहने इस जग मे हमेशा नहीं आये है,आने वाली नस्लें समझे शुद्ध प्रेम की भाषा को..
यह सिखा कर हम प्रेम को,प्यार को,मुहब्बत को इक अलौकिक मुकाम दे जाए गे..
तक भी नहीं...बहुत कुछ ऐसा हुआ,हम जिए दूजों के लिए..ले लिए दर्द उन के और दर्द अपने छिपा
लिए..किस्मत की लकीरों से परे,थोड़ी सी ख़ुशी पाई हम ने..और परिशुद्ध प्रेम की परिभाषा मे जान
डाल दी हम ने..रहने इस जग मे हमेशा नहीं आये है,आने वाली नस्लें समझे शुद्ध प्रेम की भाषा को..
यह सिखा कर हम प्रेम को,प्यार को,मुहब्बत को इक अलौकिक मुकाम दे जाए गे..