Friday 17 January 2020

रोज़ दर रोज़ प्यार को पिरो रहे है खूबसूरत रंगो मे..और इन रंगो को बिखेर रहे है दुनियां के हर कोने

मे...प्यार इस शब्द से अनजान है जो यह संसार..कभी मंहगे तोहफों से तौला जाता है यह प्यार..कभी

अच्छी सूरत के मोल-भाव से चलता है यह प्यार..मीठी-मीठी बातो के आगाज़ से होता है प्यार..किस ने

वयाख्या जानी इस खूबसूरत प्यार की..प्यार,जो रूह के अंदर बसे,प्यार,जो किसी खवाइश का मोहताज़

नहीं..जो साथी की ख़ुशी चाहे,जो प्यार मे मिटना जाने..बस वही प्यार है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...