Monday 28 October 2019

''सितारों से परे भी क्या कोई दुनियां होती होगी'' सुन के इसे हम जो हंसे तो रुक नहीं पाए..देख कर

हमारी हंसी बोले वो,सितारों का तो पता नहीं..पर मेरी दुनियां को सजाने तुम इक सितारा बन कर,

कैसे कब क्यों चले आए..हम ने उन को इक गहरा राज़ बताया..सुनो जानम,जो छोड़ आए थे तुम

हम को पिछले दौर मे,अधूरा जो रह गया साथ पुराने दौर मे..शिरकत तभी तो की है हम ने ज़िंदगी मे

तेरी,खुदा ने खाया तरस और पूरी की मन्नत तेरी-मेरी..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...