Thursday 3 October 2019

दर्द मे आप भी है,दर्द मे हम भी है...भूल किसी से कुछ नहीं हुई लेकिन बेखबर अपने आप से हम दोनों

ही है...दिन मे रोते नहीं,रात भर सोते नहीं..करवटें जितनी भी ले,तुझे याद करते थकते नहीं..चाँद भी

कोई इशारा देता नहीं,खुद को ढांप कर बादलों से हम को कुछ जताता नहीं..सूरज अब तपता नहीं,बस

भेज इन भरे बादलों को अब हम को बहकाता नहीं..जानता है वो,दर्द मे आप भी है दर्द मे हम भी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...