Saturday 26 October 2019

''कही हम से आप को प्यार तो नहीं हो गया'' पूछा उस से हम ने..हम तो धरा पे है,धरा से अलग..जो

साथ नहीं किसी के चल सकता,प्यार भी किसी से कर नहीं सकता..जुड़े है बस ऐसी जगह जहाँ वक़्त

भी पहुँच नहीं सकता..फ़रमाया उस ने''मेरा भी अपना इक जीवन है,धरा पे हू मगर धरा पे सब से जुड़ा

हू..देख कर आप को विचलित नहीं,मगर कदमो मे झुकता हू'' ... देख ऐसा सच्चा इंसान खुदा को

हम ने शुक्रिया कहा..चल रही है दुनियाँ जब इन जैसो से,तो बिंदास हम सब लिख सकते है..



दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...