Sunday, 27 October 2019

बहुत उजाला है आज मगर दिल तो तेरी बातों से झिलमिल झिलमिल है..सारा जहां रहे बेशक खुद

मे मगर हमारा इरादा तो तुझ को सताने का है..अब यूँ बेवजह ना मुस्कुराइए,कातिलाना अंदाज़ तो

हमारा भी है..कितने ही उजाले आज रहे जहाँ भर मे,रौशन खुद को करने के लिए साथ तेरा जरुरी है..

खुशियाँ ही खुशियाँ बिखरी है चारों तरफ,जो मंज़िल जाती है तेरी तरफ...हमारा रास्ता तो सिर्फ इतना

ही है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...