Thursday 10 October 2019

नाज़ करते है अपनी कलम पे,जो हर जगह हर कदम साथ मेरे चलती है..लिखे चाहे सुख लिखे चाहे

दुःख,लिखे बेशक मुहब्बत या लिखे दर्द का गहरा पैमाना..इस का वादा है मुझ से,साथ कभी ना छोड़े

गे..कितने लफ्ज़ लिख डाले हम ने,कितने पन्ने भर डाले हम ने..कभी साथ ना छोड़ा इस ने...बहुत

दूर तक चलना है मुझ को,बहुत बहुत कुछ लिखना है मुझ को..आसमां को छूना है मुझ को,बेशक

साथ कोई भी छोड़े..कलम साथ जब है मेरे,दुआ साथ है अब भी मेरे..फिर क्यों डरना,नाज़ करते है

कलम हम तुझ पे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...