हसरतों को यू ना दफ़न कर कि ज़िंदगी बहुत बची अभी बाकी है...दौलत शोहरत कमाने के लिए,वक़्त
की धार अभी काफी है..अँधा-धुंध की इस दौड़ मे कितने अपने पीछे छूट जाए गे..ना भरोसा कर उन
सब पे,कौन साथ देने तेरे साथ आए गे...ख्वाइशों का क्या है,हर सांस के साथ बढ़ती है...जो खुद पे
काबू रखे,ज़िंदगी अक्सर वही बसती है...धान के खेत मे मुहब्बत जो रचती है,वो भला कमरे की बंद
दीवारों मे कहां टिकती है...इसलिए तो कहते है,हसरतों को यू ना दफ़न कर...ज़िंदगी अभी बाकी है...
की धार अभी काफी है..अँधा-धुंध की इस दौड़ मे कितने अपने पीछे छूट जाए गे..ना भरोसा कर उन
सब पे,कौन साथ देने तेरे साथ आए गे...ख्वाइशों का क्या है,हर सांस के साथ बढ़ती है...जो खुद पे
काबू रखे,ज़िंदगी अक्सर वही बसती है...धान के खेत मे मुहब्बत जो रचती है,वो भला कमरे की बंद
दीवारों मे कहां टिकती है...इसलिए तो कहते है,हसरतों को यू ना दफ़न कर...ज़िंदगी अभी बाकी है...