Thursday 17 October 2019

सब कुछ भूले,सब कुछ हारे..जीत आज मुहब्बत की कर के,अपने जीवन मे कुछ पाने लौटे..फक्र है

खुद की इबादत पे हम को,फक्र है अपनी पाके-मुहब्बत पे हम को..इस को हर पल साथ लिए,लक्ष्य

की और अपने चल दिए..कुछ मासूम दिलों को फिर से पाया,उन की खिदमत मेरा साया..वो जिन्हो

ने हम को आसमां की परी बनाया..इज़्ज़त बख्शी,रुतबा दिलवाया..वक़्त हमे दे कर सब ने, हम को

हमारे होने का एहसास दिलाया..वक़्त कोई तभी दे पाता है,जब नाता दिल से निभाया जाता है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...