Sunday 20 October 2019

प्रेम की इंतिहा मे जो डूबे,संसार सारा भूल गए..ऐसा क्या मांग लिया जो तुम यू खामोश हुए और फिर

बदल गए..बेरुखी का अंदाज़ समझ हम को भी आता है..जो तुम्हारे लिए आज भी जीवन छोड़ दे,क्या

यह समझ आता है..मगर ऐसा नहीं करे गे हम,सज़ाय-मौत खुद को नहीं दे गे हम..बरसो बाद मिले जो

किसी मोड़ पर,खुद का चेहरा मेरे चेहरे पे पाओ गे तुम..मुहब्बत कितनी खास थी,बरसो बाद ही समझ

पाओ गे तुम..दुआ करते है खुश रहो अपनी उसी दुनिया मे,जिस के लिए हम आखिरी सांस तक तेरी ही

खुशिया मांगे गे..हमारा क्या है,राधा जो बने तो किसी और से नाता कहाँ जोड़े गे ...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...