एहसास जब तल्क़ तुझे होगा मेरी मुहब्बत का,हम तो इन राहो मे बहुत आगे तक निकल जाए गे..
अब क्या मांगे तुम से-क्या कहे तुम से..वो सब कुछ पाया जो शायद भगवान् से भी ना कह ना पाए
थे..अर्थ समझना इस मुहब्बत का आसान ना था..बिना शक किए तुझ पे कुर्बान होना भी आसान ना
था..तेरे दिल की गिरह खोली हम ने,यह भी कुछ आसान ना था..खुद ही अकेले मे रो दिए,तुझे बताना
भी इतना आसान ना था..खुशकिस्मती अपनी पे सराहते है,यह भी समझाना तुझे आसान नहीं है...
अब क्या मांगे तुम से-क्या कहे तुम से..वो सब कुछ पाया जो शायद भगवान् से भी ना कह ना पाए
थे..अर्थ समझना इस मुहब्बत का आसान ना था..बिना शक किए तुझ पे कुर्बान होना भी आसान ना
था..तेरे दिल की गिरह खोली हम ने,यह भी कुछ आसान ना था..खुद ही अकेले मे रो दिए,तुझे बताना
भी इतना आसान ना था..खुशकिस्मती अपनी पे सराहते है,यह भी समझाना तुझे आसान नहीं है...