Tuesday 15 October 2019

एहसास जब तल्क़ तुझे होगा मेरी मुहब्बत का,हम तो इन राहो मे बहुत आगे तक निकल जाए गे..

अब क्या मांगे तुम से-क्या कहे तुम से..वो सब कुछ पाया जो शायद भगवान् से भी ना कह ना पाए

थे..अर्थ समझना इस मुहब्बत का आसान ना था..बिना शक किए तुझ पे कुर्बान होना भी आसान ना

था..तेरे दिल की गिरह खोली हम ने,यह भी कुछ आसान ना था..खुद ही अकेले मे रो दिए,तुझे बताना

भी इतना आसान ना था..खुशकिस्मती अपनी पे सराहते है,यह भी समझाना तुझे आसान नहीं है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...