अब किस बात का रोना जब दिल ख़ाली ख़ाली है..मुहब्बत के निशाँ है मौजूद अब भी,दुनियाँ को पाक
मुहब्बत की राह दिखाने के लिए..हर मुहब्बत नाकामयाब हो ऐसा भी नहीं होता..जहां दोनों वफ़ा करे
वहां इश्के-दास्ताँ मुकम्मल होता है..दूर तक जाने के लिए इश्के-वफ़ा बेहद जरुरी है..सिर्फ कह देने भर
से रिश्ता उड़ान नहीं भरता..तू नहीं अब और सही,इस तर्क पे प्यार कहाँ टिकता है..चोरी हो या चुपके
से ,हवा बेवफाई की बहुत दूर तक भी आ जाती है..आज़ाद किया हम ने तुम को,मुहब्बत आज भी
हमारे लिए इबादत का इक खालिस सिक्का है..
मुहब्बत की राह दिखाने के लिए..हर मुहब्बत नाकामयाब हो ऐसा भी नहीं होता..जहां दोनों वफ़ा करे
वहां इश्के-दास्ताँ मुकम्मल होता है..दूर तक जाने के लिए इश्के-वफ़ा बेहद जरुरी है..सिर्फ कह देने भर
से रिश्ता उड़ान नहीं भरता..तू नहीं अब और सही,इस तर्क पे प्यार कहाँ टिकता है..चोरी हो या चुपके
से ,हवा बेवफाई की बहुत दूर तक भी आ जाती है..आज़ाद किया हम ने तुम को,मुहब्बत आज भी
हमारे लिए इबादत का इक खालिस सिक्का है..