Wednesday 23 October 2019

यह मुहब्बत की दुआएं कहां कहां बसेरा कर जाए गी..कितनी सदियों से चल रही है,कितनी सदियों

तक चलती जाए गी..निर्मल मन साथ लिए,यह कभी ना रुक पाए गी..देख खुद को,किस मुकाम से

किस मुकाम तक तुम को ले जाए गी..मुहब्बत नाम है बहुत नामो का..जहां खवाब है.मन्नतें है.छू

जाने वाली ख्वाइशें है...डर मत कि बुलंदियों पे अक्सर पाक मुहब्बत ही ले जाया करती है..साँसे कब

तक है कौन जाने..मगर दुआएं सदियों सदियों तक साथ चला करती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...