टूटे तारे की कसम,मुहब्बत को मुहब्बत मान कर ताउम्र निभा दे गे...ना कभी रूबरू होंगे तुझ से,ना
गुफ्तगू कभी होगी..मुहब्बत का एक ही कायदा है,निभाओ तो दिल-रूह से..बेरुखी कब तक सहे गे और
बेवफाई तो बिलकुल ना सहे गे...तेरे सिवा किसी और को ना देखे गे,मरते मर जाए गे पर हाथ से खुद
को,किसी को छूने भी ना दे गे..तेरा कायदा मुहब्बत का..मुझ को तो पता नहीं...हम ने आज़ाद किया
तुम को कि तेरी बेवफाई सहना मेरे बस की बात नहीं..तू किसी और का हो,कोई तेरा हो..यह सहना मेरे
लिए मुमकिन ही नहीं..
गुफ्तगू कभी होगी..मुहब्बत का एक ही कायदा है,निभाओ तो दिल-रूह से..बेरुखी कब तक सहे गे और
बेवफाई तो बिलकुल ना सहे गे...तेरे सिवा किसी और को ना देखे गे,मरते मर जाए गे पर हाथ से खुद
को,किसी को छूने भी ना दे गे..तेरा कायदा मुहब्बत का..मुझ को तो पता नहीं...हम ने आज़ाद किया
तुम को कि तेरी बेवफाई सहना मेरे बस की बात नहीं..तू किसी और का हो,कोई तेरा हो..यह सहना मेरे
लिए मुमकिन ही नहीं..