दोस्तों..मेरी कलम से निकले असंख्य शब्दों को आप सभी न मान दिया..सम्मान दिया..शायरी..जो आप का दिल जीत ले,जो आप को मुस्कुराने पे मजबूर कर दे..कभी दर्द महसूस करने पे रुला भी दे..कभी रूमानी बना दे..हर शब्द जो आप के दिल-रूह के करीब हो..मेरे लिखे शब्दों का आप रोज़ इंतज़ार करे..दोस्तों..आप की दी सराहना मेरे लिए अमूल्य है..प्रेम प्यार मुहब्बत की चाशनी मे लिपटे शब्द कब कहाँ आप को मेरी ''सरगोशियां''से जोड़ दे..कौन जाने..''मेरी सरगोशियां''मे आप जयदा से जयदा जुड़े और मुझे हौसला-अफजाई दे..एक शायरा और लेखिका होने के साथ-साथ मैं आप की दोस्त भी हू..मेरी शब्दों को पढ़ कर कर,मुझे मेरी राहो पे सफलता दे...आप सभी की शुभकामनाओं की मुझे भी जरुरत रहे गी..आभार.धन्यवाद..शुक्रिया दोस्तों..आप का दिन शुभ हो..
Friday, 18 October 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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आहटे कभी झूट बोला नहीं करती,वो तो अक्सर रूह को आवाज़ दिया करती है...मन्नतो की गली से निकल कर,हकीकत को इक नया नाम दिया करती है...बरकत देती ...
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...