सजना-सवांरना किस लिए,जब प्यार तेरा हर पल साथ है..गहनों की जरुरत ही क्या,जब तेरी महकती
हुई मुस्कान साथ मेरे है...पायल और बिछुआ भाते नहीं,तेरे साथ से इन का कोई वास्ता ही नहीं..माथे
पे बिंदिया सजाए क्यों,तुझे रोज़ निहारना ही जब मेरा मकसद है...यह गज़रा यह फूल,सजाए किस लिए
जब तेरे कदमो मे हम ने यह सब बिछाने है..अब तुझी से कैसा दिखावा करना,जो बसा है दिल और दिल
की धड़कन मे..उसी के लिए सादगी का गहना पहन कर जीना,कि जब प्यार तेरा हर पल साथ है मेरे..
हुई मुस्कान साथ मेरे है...पायल और बिछुआ भाते नहीं,तेरे साथ से इन का कोई वास्ता ही नहीं..माथे
पे बिंदिया सजाए क्यों,तुझे रोज़ निहारना ही जब मेरा मकसद है...यह गज़रा यह फूल,सजाए किस लिए
जब तेरे कदमो मे हम ने यह सब बिछाने है..अब तुझी से कैसा दिखावा करना,जो बसा है दिल और दिल
की धड़कन मे..उसी के लिए सादगी का गहना पहन कर जीना,कि जब प्यार तेरा हर पल साथ है मेरे..