Friday 25 October 2019

बसे हो जब रूह मे तो कैसे कहे पास नहीं हो तुम..जब पास ही हो तो क्यों कहे,ख़ास नहीं हो तुम..हंस

दिए सोच कर तुझे..बात को घुमा देना तुम्ही से सीख रहे है हम..याद क्यों करे,जब याद ही हो गए हो

तुम..माशाअल्लाह..जवाब नहीं तेरा..कायल हो गए कब से तेरे..घायल हो गए सिरफिरी बातो से तेरे..

कुछ भी हो,बहुत ख़ास हो तुम..जिस ने बनाया तुम को,उस के शुक्रगुजार है हम..सब कुछ अब तुझी

से सीख कर,तेरे ही हो गए हम..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...