Wednesday 30 October 2019

बेशक सितारों के झुरमुट मे चाँद नहीं है आज..मगर सितारों का मेला क़ाबिले-तारीफ है..दूर तक

नज़र जहाँ भी रूकती है,सितारों की महफ़िल ही दिखती है..गौर से कभी देखा नहीं इन को,चाँद को

घिरा देखा बस इन्ही की आगोश मे..खूबसूरती पे इन्ही की हम फ़िदा हो गए..चाँद की इंतज़ार करना

ही भूल गए..झुरमुट के किनारे-किनारे हम दूर तक इन्ही को देखते चले गए...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...