Thursday, 10 October 2019

मुहब्बत को सींचे गे तब तल्क,जब तल्क साँसे ना निकल जाए..इबादत करे गे उसी मुहब्बत की,जो

पहली बार हुई और हज़ारो सवाल छोड़ गई...हर सवाल का जवाब उसी खुदा से मांगे गे,जब उस ने

करम किया था मुहब्बत का वरदान देने का..सोचते है वरदान गर खुदा का था तो हज़ारो सवाल किस

लिए...समझने के लिए जब कुछ ना बचा,तो इबादत करे गे उसी मुहब्बत की जो पहली बार हुई...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...