राधा ने कृष्ण को नहीं पाया..फिर भी वो प्रेम,वो प्यार युगो युगो तक कायम है..क्या प्यार सिर्फ साथी को हासिल कर लेने का ही नाम है..कृष्ण तब भी सिर्फ राधे के थे,अनंत काल तक राधा के रहे गे..प्यार की परिकाष्ठा सिर्फ राधा के प्रेम मे थी..जो पूरी तरह अपने कृष्णा को ही समर्पित थी और कृष्ण...राधा मे ही बसते रहे और राधा अपने कृष्णा मे..अलौकिक प्रेम कथा को समर्पित है,मेरी यह ''''सरगोशियां'''
Monday 14 October 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक ख़ामोशी मेरी.. कह रही हज़ारो लफ्ज़ो के ताने-बाने मगर--समझने के लिए आज कोई शख्स कही भी तो नहीं---ले लिया इन पन्नो का सहारा मगर--इन को पढ़ ...
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हर तरफ मौत का खौफ पर ज़िंदगी से जंग रोज़ जारी है...कोई चला गया तो किसी की बारी आने वाली है..कोई डर रहा है आने वाली मौत से तो कोई खुद को संभ...
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रहे कही भी मगर तेरी रूह से जुदा नहीं होते..रहते है सदा तेरे दिल की धड़कन मे,कही और नहीं जा सकते..दिल जो जुड़े है इक दूजे से..धड़कनें जो सुने...