Monday 14 October 2019

राधा ने कृष्ण को नहीं पाया..फिर भी वो प्रेम,वो प्यार युगो युगो तक कायम है..क्या प्यार सिर्फ साथी को हासिल कर लेने का ही नाम है..कृष्ण तब भी सिर्फ राधे के थे,अनंत काल तक राधा के रहे गे..प्यार की परिकाष्ठा सिर्फ राधा के प्रेम मे थी..जो पूरी तरह अपने कृष्णा को ही समर्पित थी और कृष्ण...राधा मे ही बसते रहे और राधा अपने कृष्णा मे..अलौकिक प्रेम कथा को समर्पित है,मेरी यह ''''सरगोशियां'''

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...