ना पूछ मुझ से मेरी रज़ा क्या है..बस पूछ खुद से आज तेरी सजा क्या है..जमीं पे क्यों रुके हो,
आसमाँ पे महकना है बहुत मर्ज़ी है मेरी..कदमो मे फूल मेरे बिछा,दर्द की इन्तिहाँ से गुजरी हू अभी..
खलल ना डाल मेरी खुशियों मे,कुदरत की मर्ज़ी अब साथ है मेरे..दुनियाँ को बहुत पीछे छोड़ कर इस
दुनियाँ मे आए है..जहाँ सकून की तलाश ज़िंदगी है मेरी...उठक-पटक से भरा जीवन मेरा,कागज़ के
पन्नो पे लिखा जाए गा अब नाम मेरा..
आसमाँ पे महकना है बहुत मर्ज़ी है मेरी..कदमो मे फूल मेरे बिछा,दर्द की इन्तिहाँ से गुजरी हू अभी..
खलल ना डाल मेरी खुशियों मे,कुदरत की मर्ज़ी अब साथ है मेरे..दुनियाँ को बहुत पीछे छोड़ कर इस
दुनियाँ मे आए है..जहाँ सकून की तलाश ज़िंदगी है मेरी...उठक-पटक से भरा जीवन मेरा,कागज़ के
पन्नो पे लिखा जाए गा अब नाम मेरा..