Saturday 26 October 2019

दीपक से दीपक को जलाया तो उजाला हो गया..कुछ नन्हे-मासूम हाथो ने जैसे ही सर झुकाया,तो

परवरदिगार भी हैरान हो गया..ख़ुशी से चमक उठी कुछ जोड़ी आंखे,यूँ लगा फ़रिश्तो ने हम को 

अपना नूर दिखाया..महक रहे है ख़ुशी से इतना,क्या पा लाया सोच रहे है इतना..काश,सारी दुनियाँ

इतनी ही खूबसूरत होती..ना कोई बेहद गरीब होता,ना कोई जरुरत से जयदा अमीर होता..सब के घर

सदा खुशियों के दीपक जलते..छुप-छुप के कोई आंसू अपने ना छिपाता...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...