Wednesday 16 October 2019

दर्द तेरे दिल का समझने के लिए,दिल मे तेरे दस्तक देना भी जरुरी था..''मुझे क्या गम होगा''तेरा यह

कहना,मुझे यही से सब कुछ समझ जाना काफी था..कुछ रिश्तो के कभी कोई नाम नहीं होते,सब कुछ

जानने के लिए कोई पहचान जरुरी नहीं होती..कभी परियों के देश से कोई आ जाता है तो कभी कोई

इंसानी-धर्म निभा कर खुद को फरिश्ता कायम कर जाता है..खुशियाँ बाँटने के लिए,रिश्ते नाम नहीं

चाहते...दस्तक दिल पे भी दी ऐसे,कि साँसों के निकलने से पहले तुझे दर्द से परे नई ज़िंदगी दे जाए..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...