रुक जाइए जरा..मुहब्बत-प्यार का मतलब तो समझते जाइए जरा..अगर हर जगह दगा होती,तो
यक़ीनन यह मुहब्बत ख़ाक होती..और गर यह ख़ाक होती तो ना ज़िंदगी कही आबाद होती..हल्की
सी खुमारी मे डूबा हुआ यह जहाँ सारा,याद करता है अक्सर मुहब्बत का जनून सारा..क्यों लगता है
आप को कि मुहब्बत जनून नहीं होती..सुनिए जरा,गर यह जनून नहीं होती तो आप की हम से
मुलाकात क्यों होती...
यक़ीनन यह मुहब्बत ख़ाक होती..और गर यह ख़ाक होती तो ना ज़िंदगी कही आबाद होती..हल्की
सी खुमारी मे डूबा हुआ यह जहाँ सारा,याद करता है अक्सर मुहब्बत का जनून सारा..क्यों लगता है
आप को कि मुहब्बत जनून नहीं होती..सुनिए जरा,गर यह जनून नहीं होती तो आप की हम से
मुलाकात क्यों होती...