Tuesday 19 May 2020

राधा बह गई इतनी शिद्दत से, गहराई से कृष्ण के प्रेम मे..वो रहा आराध्य उस का और रहा सखा भी उस

का..कृष्ण के  दिल की हर खामोश आवाज़,राधा के दिल तक यू आती कि कृष्ण को यह कहानी समझ

ही ना आती..राधा जो जुड़ी थी कृष्ण के अंतर्मन से इतना कि सर से पांव तक वज़ूद जानती थी उस का..

यह तभी संभव हो पाता है जब प्रेम की चरम-सीमा पार से भी पार हो जाती है..''प्रेम की देवी'' नाम दिया

जब कृष्ण ने राधा को,क्यों आंखे भीग गई उस की..प्रेम भी और सम्मान भी,वो भी उस कृष्णा से..जिस

के लिए वो साँसे लेती थी..प्रेम-समर्पण का यह अनोखा बंधन,जो युगो-युगो तक कायम है..आज भी

प्रेम के रूप  मे,राधा का नाम कृष्ण से आगे है... 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...