हर खनक चूड़ियों की नहीं होती...कुछ खनक अरमानों के टूट जाने की भी होती है...बिजली गरज़
जाए और बरखा आ जाए,कितनी बार गरज़ के साथ आंखे भी रोया करती है..क्यों होता है कई बार ऐसे,
आकाश से ओले बेतहाशा गिरते है..मगर चोट जमीं को लगती है...सपनों की नगरी मे एक खूबसूरत सा
राजकुमार घोड़े पे सवार आता है,दुल्हन अपनी को ले जाता है..हकीकत मे एक खुदगर्ज इंसान क्यों एक
गरीब की बेटी को बयाहने से इंकार कर देता है..सपनों की दुनियाँ से परे बहुत परे होती है,हकीकत की
यह दुनियाँ..
जाए और बरखा आ जाए,कितनी बार गरज़ के साथ आंखे भी रोया करती है..क्यों होता है कई बार ऐसे,
आकाश से ओले बेतहाशा गिरते है..मगर चोट जमीं को लगती है...सपनों की नगरी मे एक खूबसूरत सा
राजकुमार घोड़े पे सवार आता है,दुल्हन अपनी को ले जाता है..हकीकत मे एक खुदगर्ज इंसान क्यों एक
गरीब की बेटी को बयाहने से इंकार कर देता है..सपनों की दुनियाँ से परे बहुत परे होती है,हकीकत की
यह दुनियाँ..