बेहद खूबसूरत यह सुबह आई है..ना सही अब इंसानो के लिए,परिंदो को यह साफ़ सुबह दिखाने आई
है..खुल के जी लो,हम ने इन परिंदो से कहा..इंसानी ताकत कुछ भी नहीं,बस खौफ करना परवरदिगार
से जो तेरी मूक प्रार्थना का कायल है..बहुत पाक-साफ़ हो तुम जो खुले साफ़ आसमां के अब मालिक हो...
कैद है अब पिंजरे मे इंसा,जो कभी तुम को कैद किया करते थे..खूब-खूब उड़ना अब जी भर के कि यह
इंसा अब तरस के काबिल भी नहीं..
है..खुल के जी लो,हम ने इन परिंदो से कहा..इंसानी ताकत कुछ भी नहीं,बस खौफ करना परवरदिगार
से जो तेरी मूक प्रार्थना का कायल है..बहुत पाक-साफ़ हो तुम जो खुले साफ़ आसमां के अब मालिक हो...
कैद है अब पिंजरे मे इंसा,जो कभी तुम को कैद किया करते थे..खूब-खूब उड़ना अब जी भर के कि यह
इंसा अब तरस के काबिल भी नहीं..