देखिए ना,यह रेल की पटरियां साथ-साथ कितनी दूर तक जाती है..मगर तक़दीर का फैसला भी देखिए
कभी मिल नहीं पाती है..नैना भी तो यही कमाल करते है,ताउम्र साथ-साथ रहते है..गज़ब यह कि इक
दूजे को ताउम्र देख नहीं पाते है..पर नैनो की जोड़ी भी कमाल है,रोना है तो भी संग-संग..हंसना है तो
भी एक संग...बंद होना है तो भी साथ-संग..फिर यह दूरी तो कुदरत का कमाल है..यह पटरियां जुड़
कर भी जुड़ी नहीं,मगर धूप हो या छाँव,बारिश हो या तूफ़ान,संग चलती रही..वजह एक रही,ईमानदारी
का पथ दोनों ने छोड़ा नहीं..इक दूजे के सिवा,किसी और के बारे मे सोचा तक भी नहीं..तभी तो ताउम्र
साथ-साथ है..
कभी मिल नहीं पाती है..नैना भी तो यही कमाल करते है,ताउम्र साथ-साथ रहते है..गज़ब यह कि इक
दूजे को ताउम्र देख नहीं पाते है..पर नैनो की जोड़ी भी कमाल है,रोना है तो भी संग-संग..हंसना है तो
भी एक संग...बंद होना है तो भी साथ-संग..फिर यह दूरी तो कुदरत का कमाल है..यह पटरियां जुड़
कर भी जुड़ी नहीं,मगर धूप हो या छाँव,बारिश हो या तूफ़ान,संग चलती रही..वजह एक रही,ईमानदारी
का पथ दोनों ने छोड़ा नहीं..इक दूजे के सिवा,किसी और के बारे मे सोचा तक भी नहीं..तभी तो ताउम्र
साथ-साथ है..