Sunday 10 May 2020

सकून से सब सो जाइए,रात फिर सपनो को संग लाई है...इस कहर को भूल कर,ईश्वर को नमन करना

है...हम सब ने शायद कुछ ऐसे गुनाह किए..हम ने उस प्रभु को शायद बहुत दुःख दे दिए..जो उस ने

हम को दहशत को माहौल दिया...एक मूक-बधिर की भाषा जब उस को समझ आ जाती है तो हम जो

बोले बहुत प्यार से उस से,माफ़ी उसी से मिलने वाली है...सच्चा मन और सच्ची पूजा का मोल व्यर्थ नहीं

जाता है..फिर आंसू की भाषा वो ना समझे,ऐसे कैसे हो सकता है..सकून की नींद हमेशा आए,ईश्वर को

नमन करना बहुत जरुरी है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...