''सरगोशियां'' जब जब शब्द पन्नो पे उड़ेलती है,दुनियाँ को प्रेम के हर रंग से रूबरू करवाती है..कभी प्रेम की अतिसीमा,कभी प्रेम की अवहेलना,कभी प्रेम का दर्द-विरह..आंसुओ का सैलाब,ख़ुशी से महकती साँसे,कभी प्रेम को पा लेने का सुख तो कभी उसी को खो देने का गम..रंगो के साथ चलती तो कभी रंगो को औरों के जीवन मे भरती मेरी ''सरगोशियां''.....जीवन देती तो कभी साँसों के खोने का दर्द समझाती....दोस्तों...''सरगोशियां'' किसी की भी ज़िंदगी के पन्नो से जुड़ी कलम नहीं है..इस का किसी भी इंसान,व्यक्ति,मनुष्य से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं..यह कलम जब जब लिखती है,उस को खुद भी पता नहीं होता कि वो आज इस वक़्त क्या लिख डाले गी...''सरगोशियां'' एक ऐसे सफर की तरफ चल रही है,जिस का मकसद आसमान को छूना है बस......कोई भी इस के लफ्ज़ो को अपनी ज़िंदगी से ना जोड़े..मै एक शायरा हू,एक कलाकार..जो कलम के जादू मे इस कदर डूब जाता है कि उस को सिर्फ और सिर्फ अपनी ''सरगोशियां'' का सफर याद रहता है.. शुभ रात्रि दोस्तों.....''शायरा''
Tuesday 19 May 2020
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
-
एक ख़ामोशी मेरी.. कह रही हज़ारो लफ्ज़ो के ताने-बाने मगर--समझने के लिए आज कोई शख्स कही भी तो नहीं---ले लिया इन पन्नो का सहारा मगर--इन को पढ़ ...
-
हर तरफ मौत का खौफ पर ज़िंदगी से जंग रोज़ जारी है...कोई चला गया तो किसी की बारी आने वाली है..कोई डर रहा है आने वाली मौत से तो कोई खुद को संभ...
-
रहे कही भी मगर तेरी रूह से जुदा नहीं होते..रहते है सदा तेरे दिल की धड़कन मे,कही और नहीं जा सकते..दिल जो जुड़े है इक दूजे से..धड़कनें जो सुने...