Sunday 24 May 2020

डरते-डरते जीने के बाद,बिंदास जीने का दिन भी तो आए गा..ना कीजिए खौफ इतना कि गहरी काली

रात के बाद सवेरा जरूर आए गा..सवेरे की इंतजार मे मत भूलिए,गल्त बहुत गल्त इंसान करते आए है..

सब ने सोचा यही था,कुदरत के तमाम काम ले ले गे हाथ मे अपने..चाँद पे दुनियाँ तक बसा ले गे हम..

कुदरत ने जो बनाए असूल,पलट कर खुद के असूल बना डाले गे हम..संस्कारो को भुला कर,खुद के

विचारों से जिए गे हम..याद रखे,कुदरत यह भरम भी तोड़ने वाली है..सब लौटे गे पुराने संस्कारो पे,

बेशक मजबूर हो कर सही..जो किसी से ना सुधरे उन को कुदरत सुधार दे गी अब...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...