Saturday 16 May 2020

इंसान की फितरत तो देखिए,तरक्की के नाम पे भगवान् के कामो को अपने हाथों मे लेने का गुनाह

करता रहता है..वो ही तो है जो कुछ भी बदल सकता है..वो चाहे तो किस्मत की लकीरे भी बदल देता

है..उस की रज़ा हो तो झोली मे हज़ारो नियामते भर देता है..जो ना भी सोचा हो वो भी कर देता है..पर

उस को श्रद्धा और जज़्बात का तोहफा,गंगाजल से भी पवित्र देना होगा..इंसान ने जब-जब लिए है उस के

काम अपने हाथों मे,तब-तब इस धरती पे प्रलय आई है..यह कहर उसी गुनाह का सबूत है..ईश्वर ही

सत्य है,ईश्वर ही सर्व्वयापी है..मान लो तो यही सभी के लिए बेहतर है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...