मुस्कुरा रहे है लब और आंखे है आंसू से भरी..यह इबादत की सुबह है या अपनी कोई कमी..समझे
क्या कि मामूली इंसान है,हज़ारो खामियों से भरे..कुछ अच्छा हुआ तो खुश हो गए,कुछ बुरा हुआ तो
जी भर रो लिए...पर इबादत को भूल नहीं पाए,संस्कारो की महिमा ने इस इबादत को भुलाने ही नहीं
दिया...दिन की शुरुआत अच्छी है बहुत,साँझ क्या लाए गी पता नहीं..जो पल है उसी मे जीना है..
शायद इसलिए लब है जो मुस्कुरा रहे है कि शुरआत दिन की बेहद खूबसूरत है...
क्या कि मामूली इंसान है,हज़ारो खामियों से भरे..कुछ अच्छा हुआ तो खुश हो गए,कुछ बुरा हुआ तो
जी भर रो लिए...पर इबादत को भूल नहीं पाए,संस्कारो की महिमा ने इस इबादत को भुलाने ही नहीं
दिया...दिन की शुरुआत अच्छी है बहुत,साँझ क्या लाए गी पता नहीं..जो पल है उसी मे जीना है..
शायद इसलिए लब है जो मुस्कुरा रहे है कि शुरआत दिन की बेहद खूबसूरत है...