कमियाँ तो खुदी मे ढूंढी..दुनियाँ तो अपनी रफ़्तार से चलती है..वो जज्बातों की परवाह नहीं करती,बस
खुद के मतलब के लिए रिश्ते जोड़ लेती है..सहज सरल रह कर हम रिश्ते निभाते रहे..ठोकर लगी तब
जब पीठ पीछे लोग हम पे हँसते रहे..यही सच है आज का..रिश्ते और दोस्ती को निभाने के लिए,इस
दुनियाँ मे लोग चालाकियाँ कर जाते है..तेज़ धार से अक्सर दिल-रूह को काट देते है..मोल संस्कारो का
कही दिखता नहीं..हां,कुछ अच्छे भी मिले जिन को हम भूल सकते नहीं...
खुद के मतलब के लिए रिश्ते जोड़ लेती है..सहज सरल रह कर हम रिश्ते निभाते रहे..ठोकर लगी तब
जब पीठ पीछे लोग हम पे हँसते रहे..यही सच है आज का..रिश्ते और दोस्ती को निभाने के लिए,इस
दुनियाँ मे लोग चालाकियाँ कर जाते है..तेज़ धार से अक्सर दिल-रूह को काट देते है..मोल संस्कारो का
कही दिखता नहीं..हां,कुछ अच्छे भी मिले जिन को हम भूल सकते नहीं...