हाथ की ऊँगली पे गिना तो इस ज़िंदगी मे खुशियाँ बस गिनती की मिली..पर जितनी भी मिली,उन को
ईमानदारी और दिल-रूह से जिया..उम्र भले कम रही उन खुशियों की ,पर ज़िंदगी को और परवरदिगार
को बेहद शुक्रिया कहा..ख़ुशनसीब थे जितना भी मिला,उतना कितनो को मिलता है..यादगार के तौर पे
इन सभी को रूह के पन्नो पे सहेज दिया.. जब तक है साँसे,एक एक कर इन पन्नो को देखे गे..कुछ ना
हुआ तो तकदीर को फिर शुक्रिया कह दे गे..खुश है बहुत,जितना हम को मिला वो कितनो को मिलता है
ईमानदारी और दिल-रूह से जिया..उम्र भले कम रही उन खुशियों की ,पर ज़िंदगी को और परवरदिगार
को बेहद शुक्रिया कहा..ख़ुशनसीब थे जितना भी मिला,उतना कितनो को मिलता है..यादगार के तौर पे
इन सभी को रूह के पन्नो पे सहेज दिया.. जब तक है साँसे,एक एक कर इन पन्नो को देखे गे..कुछ ना
हुआ तो तकदीर को फिर शुक्रिया कह दे गे..खुश है बहुत,जितना हम को मिला वो कितनो को मिलता है