अचानक से क्यों बरस गया मौसम,शायद आसमां से किसी के सिसकने की आवाज़ आई है...देखा जो
बाहर जा कर,यह तो सिलसिलेवाज़ बरसने की नौबत आई है...देख रहे है नज़ारा इस मौसम का,क्या
इस ने पूरी रात बरसने की कसम खाई है...दहलीज़ पे गिरी कुछ बूंदे बारिश की,लगा जैसे क़यामत की
रात आई है..खुदा खैर करे,आज किस की साँसों पे इस मौसम की कहर आई है..एहसास हुआ खुद
को,यह जो छलक आए बरबस आंसू हमारी आँखों से,कहीं हमारी ही साँसों के निकलने की रज़ा खुदा
से तो नहीं आई है...
बाहर जा कर,यह तो सिलसिलेवाज़ बरसने की नौबत आई है...देख रहे है नज़ारा इस मौसम का,क्या
इस ने पूरी रात बरसने की कसम खाई है...दहलीज़ पे गिरी कुछ बूंदे बारिश की,लगा जैसे क़यामत की
रात आई है..खुदा खैर करे,आज किस की साँसों पे इस मौसम की कहर आई है..एहसास हुआ खुद
को,यह जो छलक आए बरबस आंसू हमारी आँखों से,कहीं हमारी ही साँसों के निकलने की रज़ा खुदा
से तो नहीं आई है...