Saturday, 16 May 2020

आ तुझे फिर से तेरा बचपन लौटा दे..आ फिर से तेरे सपनो को खूबसूरत रंगो से भर दे..क्या हुआ जो

सब कुछ टूट गया..क्या हुआ जो पीछे कुछ छूट गया...हम ने मुरादों को पूरी होते देखा है..परवरदिगार

को खुद अपने साथ चलते हुए देखा है...दिल के आईने पे बस धूल ना जमने देना...एक भी कण भूले से

इस आईने पे ना जमने देना..बचपन की वो हंसी तेरे चेहरे पे गर ले आए,तेरे जीवन से हर बुरी तस्वीर जो

दूर कर पाए तो मान लेना कि परवरदिगार हमारा साथी है..शर्त सिर्फ इतनी होगी कि आईना दिल का

हमेशा सदाबहार रखना होगा...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...