Friday 22 May 2020

शब्दों की,लफ्ज़ो की..अदायगी कुछ ऐसे कीजिए कि दिल-रूह ना छिल जाए कही..शब्दों को पन्नों पे

उतार कर आप ने अपनी समझ का परिचय दे दिया..खुद के चरित्र को शब्दों से बता दिया...यह शब्द

ही है जो इंसा को इंसा से जोड़ते है,यह लफ्ज़ ही तो है जो इंसा को इंसा से जुदा भी कर देते है..मन की

पीड़ा जो हर ले,शब्दों का जादू ऐसा भी होता है..''फूल झरते है आप के शब्दों से'' सुन के कौन ना खुश

होगा..असली नकली की पहचान होते है यह शब्द..शब्दों पे जो लिखने बैठे तो सादिया बीत जाए गी..

गुजारिश यही,शब्द को,लफ्ज़ो को मान देना ना भूलिए...इन की गूंज बहुत बहुत दूर तक जाती है..

वो शब्द जो पूजा की आरती बनते है..वो लफ्ज़ जो नमाज़ पड़ते वक़्त दुआ के लिए उठते है..शब्द,लफ्ज़

वो भी तो है,जो गाली बन अपमान किसी का कर देते है..वो शब्द ही तो है जो माँ हम को सिखाती है..

वो शब्द ही तो है जो बाबा अंगुली पकड़ मंत्रो का ज्ञान भी सिखाते है....यक़ीनन,जादूगर है यह शब्द..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...