Saturday 16 May 2020

बहुत तेज़ धूप है और रास्ता कठिन है बहुत..देखते है, जब जब पाँव के छालों पे नज़र पड़ती है तो दर्द

दिल का कम होने लगता है...शायद यह दर्द दिखता है और वो दर्द खुद से भी छिपता है..हज़ारो दरख़्त

खड़े है बीच राह मे और तेज़ धूप मे...हम संभल गए या यू कहे,इन से बहुत कुछ सीख़ गए..जो रोज़ खड़े

रहते है तेज़ गर्म हवाओ मे,जो रोज़ तपते है तेज़ धूप की किरणों मे..अब ना डर है पाँव के इन छालों का

ना डर है तेज़ धूप की किरणों का...जा रहे है उस मंज़िल की तरफ,जिस को हमारी जरुरत हम से कही

जयदा है...अब मुस्कान चेहरे पे है और याद सिर्फ मंज़िल की है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...