Saturday 16 May 2020

दोस्तों....किताबें हमारी सब से सच्ची साथी होती है..यह हमेशा हमारी साथ रहती है...आप खुश है तब भी,आप दुखी है तब भी..कितनी बातें हम इन से सीखते है..फर्क इतना है कि ''क्या हमारी मर्ज़ी होती है इन से सीखने की या सिर्फ समय व्यतीत करने के लिए पढ़ लेते है'' जीवन के कितने सच,कितने अनुभव हम इन्हीं किताबो से सीख़ पाते है..अभी पढ़ा कि जब हम एक मज़ाक,एक ही जोक पे बार-बार नहीं हंस पाते तो हम एक ही दुःख पे बार-बार...बार-बार क्यों दुखी होते है...क्यों रोते रहते है...इस का जवाब,मेरी नज़र मे यही है कि हम खुद मे इतने शक्तिशाली नहीं होते कि उस दुःख-दर्द से खुद ही निकल सके..याद रखे कोई भी हम को दुःख से नहीं निकाल सकता..सच तो यह भी है कि कोई इतनी मेहनत भी नहीं करता किसी को दर्द से उबारने मे..लोग आप के दुःख पे हँसते जरूर है..पर किताबो का ज्ञान सिखाता है कि जब कोई आप का बेहद करीबी कष्ट मे हो तो उस की मदद कीजिए..हर मदद पैसो की नहीं होती..भावनात्मक रूप से किसी को उस की तकलीफ से निकालना भी एक खास मदद है...किसी को सही सच्चा रास्ता सिखाना भी तो मदद है..याद रखे,जिस की भी मदद करे उस की बात को गोपनीय रखे..ढढोऱा मत पीटे कि हम ने उस की/इस की मदद की है...किसी को उस की ही नज़रो मे उठाना भी एक मदद है..बस जरुरत है,आप को खुद मजबूत बनने की..इसलिए खाली वक़्त किताबें पढ़े और इन से सीखे..एक नेक इंसान बने ...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...