जीवन नीरस ना हो जाए..कोई इस कहर को बार-बार याद कर ख़ौफ़ज़दा ना हो जाए..ज़िंदगी फिर से
बेमानी ना हो जाए,कही कोई हंसना ही ना भूल जाए..इस ख्याल से एक बार फिर,मुहब्बत को सरगोशियां
के पन्नों पे बिखेर दिया है...इस की खुशबू मे हज़ारो की ज़िंदगियों को,फिर से मुहब्बत के महीन धागो मे
पिरो दिया है..खो जाइए,कल किस ने देखा है..इस के एहसास से उन लम्हो मे लौट जाइए जो रूहे-पाक
भूल चुकी होगी..खोजिए उन पलों को जो खुशनुमा थे...हम तो तागीद करते है,फिर से जी लीजिए तमाम
लम्हो को,जो आप के थे,आप के है...हमेशा रहे गे..
बेमानी ना हो जाए,कही कोई हंसना ही ना भूल जाए..इस ख्याल से एक बार फिर,मुहब्बत को सरगोशियां
के पन्नों पे बिखेर दिया है...इस की खुशबू मे हज़ारो की ज़िंदगियों को,फिर से मुहब्बत के महीन धागो मे
पिरो दिया है..खो जाइए,कल किस ने देखा है..इस के एहसास से उन लम्हो मे लौट जाइए जो रूहे-पाक
भूल चुकी होगी..खोजिए उन पलों को जो खुशनुमा थे...हम तो तागीद करते है,फिर से जी लीजिए तमाम
लम्हो को,जो आप के थे,आप के है...हमेशा रहे गे..