नज़रे इतनी भी ना झुकाइए,पलकों को हलके से तो उठाइए..जान ले ले गी कसम से तेरी यह अनोखी
अदा..चाँद को इतना भी ना शर्मिंदा कीजिए,सितारों की छाँव मे अपना घूँघट उठाने की.. हम को इज़ाज़त
दीजिए..अच्छे भले इंसान को क्यों दीवाना बनाया आप ने,जब बना लिया,तो ज़िंदगी मे अपनी हम को
शिरकत तो करने दीजिए...
अदा..चाँद को इतना भी ना शर्मिंदा कीजिए,सितारों की छाँव मे अपना घूँघट उठाने की.. हम को इज़ाज़त
दीजिए..अच्छे भले इंसान को क्यों दीवाना बनाया आप ने,जब बना लिया,तो ज़िंदगी मे अपनी हम को
शिरकत तो करने दीजिए...