धरती का नन्हा सा जर्रा हू..तेरे काबिल भी नहीं हू...आसमां का फरिश्ता है तू,तुझे आंख उठा कर देखू
इतना खुशनसीब भी नहीं हू..झुकता है जहां तेरे कदमो मे,हम बिछा रहे है दुआए तेरे जीवन मे..मासूम
है,बेवफा नहीं..दीवाने है पर गैर नहीं..कभी फुर्सत मिले तो झांक लेना इन आँखों मे,वफ़ा की पूरी किताब
लिखवा कर लाए है अपने परवरदिगार के घर-आंगन से..नस नस तो भरी है उलझनों के ताने-बानो
से,मगर लड़ जाए गे ज़माने से किसी भी आजमायश से...
इतना खुशनसीब भी नहीं हू..झुकता है जहां तेरे कदमो मे,हम बिछा रहे है दुआए तेरे जीवन मे..मासूम
है,बेवफा नहीं..दीवाने है पर गैर नहीं..कभी फुर्सत मिले तो झांक लेना इन आँखों मे,वफ़ा की पूरी किताब
लिखवा कर लाए है अपने परवरदिगार के घर-आंगन से..नस नस तो भरी है उलझनों के ताने-बानो
से,मगर लड़ जाए गे ज़माने से किसी भी आजमायश से...