Sunday 23 June 2019

झुकना तेरे आगे कोई गुलामी तो नहीं..हर बात को सर-आँखों पे लेना मजबूरी भी तो नहीं..दिल की

धडकनों ने समझाया इबादत जब की है,तो सज़दा करने मे क्या डरना..कोई इतना अपना है तो साथ

चलने से क्या डरना..प्यार पाने के लिए लोग ना जाने क्या क्या किया करते है..इबादत के लिए जब

चुना उन को,तो कदमो मे उन के झुक जाना कोई गुलामी तो नहीं...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...