संगेमरमर की कोई तराशी मूरत भी नहीं,किसी कलाकार के हाथो बनी कोई तस्वीर भी नहीं,सोने-चांदी
के सिक्को से सजी किसी थाली की आरती भी तो नहीं...किसी के दर्द मे खुद को फ़ना कर देना..जरुरत
मे अपना हिस्सा भी किसी बेबस को दे देना. मुस्कुरा कर जो दे दे दुआए,उस को गले से लगा लेना..
लोग कहते है परी-कथा की रानी हम को,और हम..उन्ही के प्यार मे अपनी ज़िंदगी लुटाते रहते है..
के सिक्को से सजी किसी थाली की आरती भी तो नहीं...किसी के दर्द मे खुद को फ़ना कर देना..जरुरत
मे अपना हिस्सा भी किसी बेबस को दे देना. मुस्कुरा कर जो दे दे दुआए,उस को गले से लगा लेना..
लोग कहते है परी-कथा की रानी हम को,और हम..उन्ही के प्यार मे अपनी ज़िंदगी लुटाते रहते है..