Thursday 20 June 2019

महकना और अपनी महक तुझ तक पहुँचाना..राह मे किसी को महक का एहसास ना होने देना..लबो

को बंद रखना,गुफ्तगू तभी करना जब तेरे इशारो को समझना..खामोशियां भी कभी कभी बहुत कुछ

कह जाती है..दिन ढले या महीनों,एहसास तेरे पास होने का हर दम दिलाती रहती है..टिक टिक घड़ी

की वक़्त को कहां से कहां ले जाती है,इस जन्म से उस जन्म तक सदियों मे पहुँचाती है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...