सरसराहट हवाओ मे है या हुस्ने-इश्क की कहानी मे..दर्द आँखों मे है या जिस्म की रवानगी मे..पल
पल की खबर रख रहा है ये मौसम,भिगो के क्या साबित कर रहा है जालिम..तेरे डर से किस्मत की
लकीरों को नहीं मिटाए गे,जो कह दिया कर के दिखाए गे..फिर कोई कहानी अधूरी ना रह पाए गी,
तू कितना भी बरस.बेखौफ बरस..पालकी प्यार की इस बरसात मे भी साजन के घर जाए गी..
पल की खबर रख रहा है ये मौसम,भिगो के क्या साबित कर रहा है जालिम..तेरे डर से किस्मत की
लकीरों को नहीं मिटाए गे,जो कह दिया कर के दिखाए गे..फिर कोई कहानी अधूरी ना रह पाए गी,
तू कितना भी बरस.बेखौफ बरस..पालकी प्यार की इस बरसात मे भी साजन के घर जाए गी..