Saturday 22 June 2019

सरसराहट हवाओ मे है या हुस्ने-इश्क की कहानी मे..दर्द आँखों मे है या जिस्म की रवानगी मे..पल

पल की खबर रख रहा है ये मौसम,भिगो के क्या साबित कर रहा है जालिम..तेरे डर से किस्मत की

लकीरों को नहीं मिटाए गे,जो कह दिया कर के दिखाए गे..फिर कोई कहानी अधूरी ना रह पाए गी,

तू कितना भी बरस.बेखौफ बरस..पालकी प्यार की इस बरसात मे भी साजन के घर जाए गी..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...