हम कहते है आप से,कभी तो मुस्कुराया कीजिए..इस ज़िंदगी को शिकायत का मौका मत दीजिए..
जो मिला है उसी को संभालना सीखिए..कभी कभी एक नज़र हम पे डालिए..अपने दर्दो को हंस कर
उठा लेते है..रोए कितना भी,दूसरो को फिर भी जीना सिखाते है..माशाअल्हा..खुद को सवारते है इतना,
किसी रोज किस रूप मे ज़िंदगी हम को देने आए सौगाते,ऐसा ना हो कि देख कर रोनी सूरत वो कही
और लौट जाए..
जो मिला है उसी को संभालना सीखिए..कभी कभी एक नज़र हम पे डालिए..अपने दर्दो को हंस कर
उठा लेते है..रोए कितना भी,दूसरो को फिर भी जीना सिखाते है..माशाअल्हा..खुद को सवारते है इतना,
किसी रोज किस रूप मे ज़िंदगी हम को देने आए सौगाते,ऐसा ना हो कि देख कर रोनी सूरत वो कही
और लौट जाए..