जो हुआ सो हुआ..चल आ दुनिया के इन झमेलों से कही दूर चले..हलकी सी मुस्कान से सारे शिकवे
दूर करे..देख ना,मौसम का जादू आज कितना कातिल है..यह तो बता मेरी अदाओ से जय्दा कातिल
है..हंस क्यों दिया मेरी नादानी पे,ना रोक हंसी अपनी, इसी हंसी पे तो हम थे फंसे..रूमानी सा मौसम
है आज,पर तेरे पास तौबा...है कितने सवाल..हर सवाल का जवाब है हम..चल आ..इन झमेलों से दूर
कही दूर चले...
दूर करे..देख ना,मौसम का जादू आज कितना कातिल है..यह तो बता मेरी अदाओ से जय्दा कातिल
है..हंस क्यों दिया मेरी नादानी पे,ना रोक हंसी अपनी, इसी हंसी पे तो हम थे फंसे..रूमानी सा मौसम
है आज,पर तेरे पास तौबा...है कितने सवाल..हर सवाल का जवाब है हम..चल आ..इन झमेलों से दूर
कही दूर चले...