टूट रहे है घुंघरू बार-बार,काजल बिखर रहा है आँखों से बाहर..आवाज़ दे रही है मेरी खामोशियाँ यहाँ
से दूर निकल जा साँसे लेने के लिए..हर दिन एक इंतज़ार होता है..रात को हर नया शख़्स नई ज़िंदगी
देने का वादा करता है..बिक जाने पर यही शख़्स यमराज नज़र आते है..फंस गए है इस भूलभुलैया मे
जहा रौशनी नहीं बस अंधेरो के तूफ़ान नज़र आते है...
से दूर निकल जा साँसे लेने के लिए..हर दिन एक इंतज़ार होता है..रात को हर नया शख़्स नई ज़िंदगी
देने का वादा करता है..बिक जाने पर यही शख़्स यमराज नज़र आते है..फंस गए है इस भूलभुलैया मे
जहा रौशनी नहीं बस अंधेरो के तूफ़ान नज़र आते है...